धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम् । स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥५॥ अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसंततिं दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम् । अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकाधरं काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे ॥७॥ हे बटुक भैरव ! आपकी जय हो। हे शिव के अवतार आप सभी संकटों को दूर कर इस भक्त पर कृपा करें ॥ Bhairavi is also referred to as as Shubha... https://www.youtube.com/@Goldiemadanji