हाथ पांव बाँधहु तुम ताके, हनहु जीभ बिच मुद्गर बाके ।। दुष्ट स्तम्भन अरिकुल कीलन, मारण वशीकरण सम्मोहन ।। ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा । तीन लोक दस दिशा भवानी, बिचरहु तुम हित कल्यानी ।। The sacred ritual of worshiping https://baglamukhi64297.goabroadblog.com/31149576/how-baglamukhi-can-save-you-time-stress-and-money