पूजयिष्यामि ते मूर्ध्नि नवरत्न – समुज्जलम् नकारात्मकता चाहे गृह-क्लेश से हो, नौकरी-व्यवसाय से हो, पढाई या जीवन में असफलता से उत्पन्न हुई हो, सभी का निराकरण करने में यह मन्त्र जप प्रभावी है. मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। ओम् ऐं ह्रीम क्लीम दीनकंपी धर्मात्मा प्रेमाधि रामवल्लभ आध्यमम मारुत वीर मैं https://baglamukhi63951.azzablog.com/35674003/the-smart-trick-of-hanuman-mantra-that-nobody-is-discussing